पुतिन के भारत दौरे के तुरंत बाद रूस ने दिया धोखा? चीन के साथ की जॉइंट एंटी-मिसाइल ड्रिल,
पुतिन के भारत दौरे के तुरंत बाद रूस ने दिया धोखा? चीन के साथ की जॉइंट एंटी-मिसाइल ड्रिल,

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[8/12, 9:03 am] J TEN NEWS: India Russia News: पुतिन के भारत दौरे के तुरंत बाद रूस ने दिया धोखा? चीन के साथ की जॉइंट एंटी-मिसाइल ड्रिल, बढ़ेगी टेंशनरूस और चीन ने जापान सागर में जॉइंट एंटी-मिसाइल ड्रिल की है। यह ड्रिल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हुई है। इस ड्रिल की जानकारी चीनी रक्षा मंत्रालय ने दी है। चीन ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य किसी तीसरे पक्ष को टारगेट कर नहीं किया गया है।
[8/12, 9:03 am] J TEN NEWS: 7मॉस्को: रूस ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बीच चीन के साथ तीसरी जॉइंट एंटी-मिसाइल ड्रिल की है। इस दौरान दोनों देशों के युद्धपोतों और पनडु्ब्बियों ने जापान सागर में दुश्मन की मिसाइलों को मार गिराने का अभ्यास किया। इसके अलावा दुश्मन के प्रमुख मिसाइल इंस्टॉलेशन्स को नष्ट करने का भी अभ्यास किया गया। इसे दोनों देशों के रक्षा संबंधों में एक नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। यह सैन्य अभ्यास इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसे पुतिन के भारत दौरे के बीच में आयोजित किया गया। चीन और भारत की पुरानी दुश्मनी है। ऐसे में रूस के इस अभ्यास को एक रणनीतिक बैलेंस के तौर पर देखा जा रहा है। [8/12, 9:03 am] J TEN NEWS: चीनी रक्षा मंत्रालय ने क्या बताया
चीन के डिफेंस मिनिस्ट्री ने शनिवार देर रात कहा कि चीन और रूस ने दिसंबर की शुरुआत में रूसी इलाके में अपनी तीसरी जॉइंट एंटी-मिसाइल ड्रिल की। मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर एक पोस्ट के मुताबिक, ये एक्सरसाइज किसी तीसरे पक्ष को टारगेट करके या किसी मौजूदा इंटरनेशनल हालात के जवाब में नहीं की गई थीं। दोनों देशों ने पिछले महीने मिसाइल डिफेंस और स्ट्रेटेजिक स्टेबिलिटी पर बातचीत की और अगस्त में जापान सागर में आर्टिलरी और एंटी-सबमरीन ड्रिल की।
[8/12, 9:04 am] J TEN NEWS: रूस-चीन में नो-लिमिट्स स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिपरूस और चीन ने 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले से कुछ समय पहले एक “नो-लिमिट्स” स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप पर साइन किए थे, जिसमें अपनी सेनाओं के बीच कोऑर्डिनेशन की रिहर्सल के लिए रेगुलर मिलिट्री एक्सरसाइज करने का वादा किया गया था। दोनों देशों ने अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के “गोल्डन डोम” मिसाइल शील्ड बनाने के प्लान और 30 साल से ज़्यादा के ब्रेक के बाद न्यूक्लियर वेपन टेस्टिंग फिर से शुरू करने के उनके बताए गए इरादे पर चिंता जताई है।




